Saturday, January 23, 2010

आजादी मिली विदाई

नन्दलाल भारती
एम ए (समाज शास्त्र ) एल एल बी (आनर्स )
पी जी डिप्लोमा इन हुमन रिसोर्स डेवेलोपमेंट
लेखक
आजादी मिली विदाई
आह बहाकर लहू आजादी मिली विदाई
आज खंडित अरमान,निज स्वार्थ ने धूम मचाई
आजादी की थी धुन ,लाशो के ढेर ,नूतन मिला सवेरा
दुर्भाग्य भयावह आज न होती क्सारिब की सुनवाई
आह बहाकर लहू आजादी मिली विदाई .......................
दिन में आंसू रैना का दर्द विहवल
श्रम झराझर पशुअत अत्याचार प्रतिपल
गुलामी के दास्तान सुन नयनो में आंसू
चाह करे कराह, विषमता है अब यौवन पाई
आह बहाकर लहू आजादी मिली विदाई .......................
महान बोश याद खून दो आजादी दूंगा का नारा
गाँधी की आंधी आंबेडकर की शिक्षित बनो ,
संघर्ष करो की गूंजती चहुओर धारा
भगत सिंह रंग दे माई बासंत चोला
वो भी दया थे दीवाने
आज लोगवा जनसेवा में खोजे कमाई
आह बहाकर लहू आजादी मिली विदाई .......................
बिसरे मायने आजादी के बूढ़ी होती चाह
पनपा घोटाला,भेद, अत्याचार कहाँ करे पुकार
धरती अपनी आसमान अपना संविधान
लोग है अपने ना जमती आशा की परते
ना बजती समता की शहनाई
आह बहाकर लहू आजादी मिली विदाई .......................
तरक्की की थी चलनी आंधी
ऐसा था सपना
गरीबी ,भूखमरी ,बेरोजगारी ,भूमिहीनता
छलता यहाँ अपना
बिसरे जनसेवा के भाव
नित नव -नव मुखौटा है रचते
अपना देश अपनी आज़ादी
मांटी में सोंधापन रहे समाई
आह बहाकर लहू आजादी मिली विदाई .......................

१५- एम वीणा नगर
इंदौर (मध्य प्रदेश ) ४५२०१०
मोबाइल- ०९७५३०८१०६६

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