जागो ...............
जागो जागो अब बीत गयी काली रात
नव एहसास नव उमंग द्वार आया नवप्रभात
बांधो गांठ -गांठ नव उम्मीद संग नव चेतन को
तेजस्वी नव प्रभात कूद पडो नव परिवर्तन को
जागो जागो अब बीत गयी काली रात ............................
संवृद्ध चिंतन चरित्रवान विश्वगुरु की पहचान
परिश्रमी ,वफादार जिम्मेदार युवाशक्ति महान
अलौकिक अनुराग आज़ादी के लिए कटे थे ढेरो शीश
कलपें ना अमर शहीदों की आत्माएं बनी रहे आशीष
जागो जागो अब बीत गयी काली रात ............................
अपनी सरकार अपना संविधान अपने लोग
पर क्या नैतिक पतन भ्रष्टाचार का लग गया है रोग
पिछड़ापन असुरक्षा उत्पीडन का माहौल विषैला
अशिक्षा भय, भूख, जातिभेद का रूप कसैला
जागो जागो अब बीत गयी काली रात ............................
सख्त सर्वोतम कानून व्यवस्था इज डांस जाती ढील पोल
ना चरित्र टिकाऊ यहाँ ना कमजोर के आंसू का मोल
नवोदय हुआ तरक्की का ना करे वक्त बर्बाद
पल पल का जीवन , जनहित राष्ट्रधर्म होवे आबाद
जागो जागो अब बीत गयी काली रात ............................
करे दायित्वों का पालन, बढाएं जगत में देश का मान
ना जातिधर्म के झगड़े, देशधर्म अपनाये पहले इन्सान
संवृद्ध राष्ट्र फलेफूले समतावाद नैतिकता को मजबूत बनाएं
आज़ाद अनुराग अलौकिक हम सब भारत के वासी
आओ राष्ट्र निर्माण में हाथ बढाएं.......
जागो जागो अब बीत गयी काली रात ............................
नन्दलाल भारती
२०-०१-2010
Tuesday, January 26, 2010
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You can Birthday Gifts for your loved ones staying in India and suprise them !
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