आज़ादी के दाता
जय जय हे आज़ादी के दाता
तेरी याद  फिर आयी
लालसा अधूरी तेरी
सपने पूरे  २६ जनवरी आयी
छाती पर भार तुम्हारे  थे गहरे
सपनों ने ले ली अंगडाई 
जय जय हे आज़ादी के दाता
तेरी याद फिर आयी .............................
अराधंना का दिन २६ जनवरी 
तेरी आँखों में आंसू
मेरी  की ऐसी ज्योति जलाई
फैले रहे हाथ तुम्हारे 
तिरंगा ने भी खुला आसमान है अब पाई
जय जय हे आज़ादी के दाता
 तेरी याद फिर आयी .............................
अफ़सोस बदल गए अब के पूत
जोड़तोड़ में परमार्थ की सुधि ना आयी
बिलखता जन दर -दर ,
आंसू अपनो के लगे बात परायी
भूले देश समाज सेवा खुद के रहे महल बनाई
जय जय हे आज़ादी के दाता
  तेरी याद फिर आयी .............................
गोरे हिम्मत हारे तेरे आगे
अब कालो के लुल्म ने ली है अंगडाई 
देवस्थानों के झगड़े जातिधर्म में रहे व्यर्थ शक्ति गवाई
मन में गहराती दरारे ,दुश्मन रहे आँख दिखाई
जय जय हे आज़ादी के दाता
  तेरी याद फिर आयी .............................
शहादत की कसम तेरी
मातृभूमि   ना आंसू कभी बहाई देशधर्म,
बंधुत्व  भाव की बहेगी गंगा
हर जन मुस्काई
खुशी  का दिन अनुराग आजाद संग ले रहे साँस बरोबर
है आँखों में आंसू भर आयी
तेरी याद फिर आयी .............................
  नन्दलाल भारती
Saturday, January 23, 2010
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